गीता शोध संस्थान वृंदावन में देश भर से जुटे साहित्यकार

14 सितंबर 2025 को पं- हरप्रसादपाठक-स्मृति अखिल भारतीय साहित्य पुरस्कार समिति मथुरा का साहित्यकार सम्मान समारोह गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में किया गया।
प्रथम सत्र का शुभारम्भ कार्यक्रम के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ-रवीन्द्र कुमार] मुख्य अतिथि वृन्दावन शोध संस्थान के निदेशक डॉ राजीव द्विवेदी जी] विशिष्ठ अतिथि, वरिष्ठ साहित्यकार डॉउमेश चंद शर्मा एवं बुलन्दशहर से पधारीं वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती सुधा गोयल और गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने ने माँ सरस्वती के साथ पं-हरप्रसाद पाठक की चित्र छवि पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
सर्वप्रथम रासलीला अकादमी के निदेशक श्री दिनेश खन्ना के निर्देशन में उनकी शिक्षार्थियों ने माँ सरस्वती की नृत्यमयी वन्दना प्रस्तुत की।अब समिति का परिचय समिति के संस्थापक सचिव डॉ- दिनेश पाठक शशि ने प्रस्तुत किया।
प्रथम सत्र में सर्वप्रथम वरिष्ठ साहित्यकार एवं चौ चरणसिंह वि.वि.के पूर्व कुलाधिपति पद्मश्री डॉ रवीन्द्र कुमार को श्री कीर्ति प्रकाश रस्तोगी-स्मृति पुरस्कार से अंगवस्त्र] सम्मान पत्र]स्मृति चिन्ह व 5100/रुपए की धनराशि से पुरस्कृत किया गया फिर ख्यातिप्राप्त साहित्यकार ]वृन्दावन शोध संस्थान के निदेशक डॉ राजीव द्विवेदी जी] डॉ-उमेश चंद शर्मा को पं-हरप्रसाद पाठक-स्मृति हिन्दी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। बुलन्दशहर से पधारीं वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती सुधा गोयल को पं-हरप्रसाद पाठक-स्मृति बाल साहित्यश्री सम्मान प्रदान किए गये।
सीहोरा मध्य प्रदेश एवं दतिया मध्य प्रदेश के श्री अश्विनी कुमार पाठक एवं श्रीमती हेमा बोहरे को पं.हरप्रसाद पाठक-स्मृति बाल साहित्य भूषण सम्मान में अंगवस्त्र] सम्मान पत्र] स्मृति चिन्ह व 3100/-रुपये की धनराशि से सम्मानित किया गया। मथुरा की साहित्यकार डॉ अनीता चौधरी, नीतू गोस्वामी, मोहिनी दासी और गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान कर मंच पर सम्मानित किया गया।
श्रीमती विमला रस्तोगी की ’ सुधियों के झरोखे’ श्रीमती सुधा गोयल की -‘रात भर’ तथा श्रीमती उषा शर्मा की तीन पुस्तक-‘नर कंकाल’, आवाज न दो’, पिघलते पाषाण’ एवं श्री देवीप्रसाद गौड़ की पुस्तक-‘जंगल का कानून का लोकार्पण किया गया। प्रथम सत्र का संचालन जितेन्द्र विमल ने किया।