उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृंदावन स्थित गीता शोध संस्थान एवं रासलीला अकादमी में एक सारगर्भित संगोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर परिषद ने ब्रज क्षेत्र में पारंपरिक वृक्षों के संरक्षण एवं पुनरोपण का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रशिक्षु बालक-बालिकाओं द्वारा पर्यावरण विषयक गीत की संगीतमय प्रस्तुति से हुआ, जिसका निर्देशन गीता शोध संस्थान के निदेशक प्रो. दिनेश खन्ना ने किया। प्रस्तुति में पर्यावरण की रक्षा हेतु जागरूकता का भावपूर्ण आह्वान किया गया।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता परिषद के पर्यावरण सलाहकार श्री मुकेश शर्मा ने जानकारी दी कि परिषद ने ब्रज के कृष्ण-युगीन वन स्थलों एवं प्राचीन कुंडों का पुनरुद्धार प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि इन स्थलों से आक्रामक विदेशी प्रजातियों, जैसे विलायती बबूल को हटाकर पारंपरिक वृक्षों जैसे कदम के पौधों का रोपण किया जा रहा है, जिससे ब्रज की सांस्कृतिक एवं पारिस्थितिक विरासत पुनर्जीवित हो सके।
वरिष्ठ वक्ताओं में पूर्व प्राचार्य डा. के.के. शर्मा, गीता मर्मज्ञ श्री महेश चंद्र शर्मा, साहित्यकार श्री कपिल उपाध्याय, श्रीमती संध्या मिश्र, एवं श्री मिश्रा जी ने ब्रज के वनों की ऐतिहासिक परंपरा, धार्मिक महत्व और संरक्षण की समसामयिक आवश्यकता पर विचार रखे।
वरिष्ठ पत्रकार श्री सुनील शर्मा, परिषद के राजस्व निरीक्षक श्री रामवीर सिंह, एवं अन्य गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।
अंत में गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने उपस्थित सभी प्रशिक्षुओं, आमंत्रित अतिथियों तथा कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलायी। प्रो. दिनेश खन्ना ने संस्थान में चल रहे रासलीला, अभिनय, पद गायन एवं संगीत प्रशिक्षण की जानकारी साझा की।
कार्यक्रम का समापन पर्यावरण संरक्षण हेतु समर्पण के संकल्प के साथ हुआ, जो ब्रज के गौरवशाली प्राकृतिक इतिहास को पुनः प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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