सांझी महोत्सव-2024 में सांझी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संगम

28 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2024 तक रसखान-ताजबीबी उपवन (समाधि स्थल) पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद और जीएलए विश्वाविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से परंपरागत रूप से पांच दिवसीय ‘सांझी महोत्सव 2024- का भव्य आयोजन किया गया।
महोत्सव में दर्जन भर चित्रकार व कलाकारों ने छोटे कैनवास पर सांझी बनायीं जबकि सूखे रंगों से जमीन पर, पानी की वेदी पर व गोबर की सांझी आदि भी तैयार की गयीं। पांचों दिन सायंकाल स्थानीय ओएटी पर सांस्कृतिक व साहित्यक कार्यक्रम हुए।
प्रथम दिन 28 सितम्बर को उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस बी सिंह और जीएलए विवि के प्रति उप कुलपति प्रो अनूप गुप्ता ने फीता काट कर महोत्सव का शुभारंभ किया।
इस मौके पर पहुंचे बलदेव पब्लिक स्कूल के छात्र व छात्राओं को संबोधित कर उन्हे ब्रज की इस प्राचीन परम्परा से अवगत कराया गया।
ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने ब्रज में सांझी परंपरा के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।
संचालन गीता शोध संस्थान के कोऑर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार ने किया। गोकुल के चेयरमैन संजय दीक्षित और डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र ने भी युवाओं को प्रोत्साहित किया।
सांझी महोत्सव में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर हुए श्रीकृष्ण राष्ट्रीय चित्रांकन शिविर की पेंटिंग प्रदर्शनी भी लगायी गयी। परिषद के सीईओ व जीएलए विश्वविद्यालय के प्रति उपकुलपति प्रो अनुप गुप्ता ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के चित्रों का अवलोकन किया।


इस मौके पर क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी एहतराम अली, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता प्रशांत गौतम, लखनऊ से कथक कलाकार डा मीरा दीक्षित, साहित्यकर डा अनीता चौधरी मौजूद रहे।
कथक नृत्यागना डा मीरा दीक्षित व उनकी साथी कलाकारों ने कत्थक नृत्य पेश किया। गोपाल गोप ने रसखान के सवैया गायन किया। महोत्सव में अलग अलग दिन परासोली के प. पूरन प्रकाश कौशिक, मयूर कौशिक के भजन भी हुए। अंतिम दिन 02 अक्टूबर को समापन सत्र में सांझी संगोष्ठी व काव्य संगोष्ठी हुई जिसके संयोजक कवि सत्य प्रकाश शर्मा सोटानंद थे। अन्य कवियों में डा अनीता चौधरी, अशोक अज्ञ व श्री चतुर्वेदी ने कविता पाठ किया। चित्रकार कमलेश्वर, विश्वजीत, सौरभ, राधा, चित्रांग, लक्ष्मी देवी, सुनीता, प्रीति चौहान आदि ने विभिन्न प्रकार सांझी तैयार कीं।