शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में गीता शोध संस्थान के कलाकारों का महारास,चंद्रसरोवर के घाटों पर हजारों दीप जलाए, रही आकर्षक छटा

गोवर्धन। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने शरदोत्सव के उपलक्ष्य में
शरद पूर्णिमा पर बुधवार रात चंद्रमा की धवल चांदनी में चंद्रसरोवर (परासोली) गोवर्धन स्थित ऑपन एयर थिएटर (OAT) पर परम्परागत महारास का मंचन कराया। ये मंचन उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के अंतर्गत संचालित गीता शोध संस्थान एवं रासलीला. अकादमी, वृन्दावन के कलाकारों ने किया। प्राचीन समय से चली आ रही महारास परंपरा के दिव्य मंचन कर कलाकारों ने उसे आगे बढ़ाया। रासाचार्य स्वामी घनश्याम भारद्वाज रहे। उनके साथ पखावज पर हरगोविंद पाठक, सारंगी पर मनमोहन कौशिक और ऑरगन पर जीतू शर्मा ने संगत की।अशोक शर्मा ठाकुर जी और जगदीश भारद्वाज ने शंकर जी की भूमिका निभाई। ब्रजेश तिवारी आदि कलाकार सखी के रूप में और ओम भारद्वाज ने राधा के रूप मे महारास किया।
महारास का निर्देशन उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा उमेश चंद्र शर्मा ने किया जबकि गीता शोध संस्थान वृंदावन के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना सह निर्देशक थे। महारास का संयोजन और समन्वय गीता शोध संस्थान वृंदावन के कोर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिकरवार ने किया।
महारास के प्रारंभ मे उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के डिप्टी सीईओ सतीश चंद्र, सहायक अभियंता आरपी यादव, दूधनाथ यादव, डा उमेश चंद्र शर्मा, चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, बच्चू सिंह, एल के वर्मा ने ठाकुर जी की आरती उतारी। लगभग दो घंटे तक भव्य मंच पर महारास हुआ।
इस अवसर पर भागवताचार्य पूरन प्रकाश कौशिक, गोविंद गोप व ब्रज गोपाल शर्मा आदि महारास में मौजूद रहे और ठाकुर जी की आरती उतारी।

उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने शरदोत्सव के उपलक्ष्य में
शरद पूर्णिमा पर बुधवार रात चंद्रमा की धवल चांदनी में चंद्रसरोवर (परासोली) गोवर्धन स्थित ऑपन एयर थिएटर (OAT) पर परम्परागत महारास का मंचन कराया। ये मंचन गीता शोध संस्थान एवं रासलीला. अकादमी, वृन्दावन के कलाकारों ने किया। प्राचीन समय से चली आ रही महारास परंपरा के दिव्य मंचन कर कलाकारों ने उसे आगे बढ़ाया। रासाचार्य स्वामी घनश्याम भारद्वाज रहे। उनके साथ पखावज पर हरगोविंद पाठक, सारंगी पर मनमोहन कौशिक और ऑरगन पर जीतू शर्मा ने संगत की।अशोक शर्मा ठाकुर जी और जगदीश भारद्वाज ने शंकर जी की भूमिका निभाई। ब्रजेश तिवारी आदि कलाकार सखी के रूप में और ओम भारद्वाज ने राधा के रूप मे महारास किया।
महारास का निर्देशन उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद के ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा उमेश चंद्र शर्मा ने किया जबकि गीता शोध संस्थान वृंदावन के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना सह निर्देशक थे। महारास का संयोजन और समन्वय गीता शोध संस्थान वृंदावन के कोर्डिनेटर चंद्र प्रताप सिकरवार ने किया।